आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कभी भी पैसों की जरूरत अचानक सामने आ सकती है। ऐसे में अक्सर लोग दो विकल्पों के बीच उलझ जाते हैं — Personal Loan या Credit Card। दोनों ही सुविधाएं तुरंत फंड मुहैया कराती हैं लेकिन इनके फायदे और नुकसान अलग-अलग होते हैं।
सही विकल्प चुनने के लिए इनकी खासियत को समझना बेहद जरूरी है।
क्रेडिट कार्ड: कब बेहतर है इस्तेमाल करना
क्रेडिट कार्ड अल्पकालिक और छोटे-मोटे खर्चों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। अगर आपको कुछ हज़ार से लेकर कुछ लाख तक की राशि बहुत ही कम अवधि के लिए चाहिए और आप समय पर पेमेंट कर सकते हैं, तो क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाला इंटरेस्ट फ्री पीरियड (आमतौर पर 45–50 दिन तक) बहुत फायदेमंद होता है।
क्रेडिट कार्ड से बड़े शॉपिंग ऑफर्स, रिवार्ड पॉइंट्स, कैशबैक और यात्रा बीमा जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।
लेकिन अगर आप तय समय पर पूरा बकाया चुकाने में चूकते हैं तो ब्याज दरें 30% से 42% तक सालाना पहुंच सकती हैं, जो इसे काफी महंगा बना देता है।
पर्सनल लोन: कब लेना चाहिए
अगर आपको बड़ी रकम चाहिए, जैसे कि मेडिकल इमरजेंसी, शादी, होम रेनोवेशन या बिजनेस के लिए, तो पर्सनल लोन बेहतर विकल्प बनता है।
पर्सनल लोन की ब्याज दर आमतौर पर 10% से 16% सालाना के बीच रहती है, जो कि क्रेडिट कार्ड से काफी कम है।
इसके अलावा पर्सनल लोन में निश्चित ईएमआई होती है जिससे लोन चुकाना सुविधाजनक रहता है। लोन की अवधि भी 1 से 5 साल तक हो सकती है।
दोनों के बीच मूल अंतर
विशेषता | क्रेडिट कार्ड | पर्सनल लोन |
---|---|---|
लोन राशि | लिमिट के अनुसार | आवश्यकता अनुसार |
ब्याज दर | 30%–42% तक | 10%–16% तक |
अवधि | शॉर्ट टर्म (1–2 महीने) | 1 से 5 साल तक |
ईएमआई सुविधा | लिमिटेड | फिक्स्ड ईएमआई |
प्रोसेसिंग | त्वरित | डॉक्यूमेंटेशन जरूरी |
रीपेमेंट फ्लेक्सिबिलिटी | रिवॉल्विंग क्रेडिट | तय अवधि में चुकाना |
किस स्थिति में कौन सा विकल्प चुनें
क्रेडिट कार्ड लें जब:
कम रकम की जरूरत हो
पैसे जल्द लौटाने का भरोसा हो
रिवॉर्ड और ऑफर्स का फायदा उठाना हो
पर्सनल लोन लें जब:
बड़ी रकम की जरूरत हो
लंबी अवधि में चुकाने का समय चाहिए
इंटरनेट रेट कम हो और फिक्स्ड ईएमआई चाहिए
फाइनेंशियल प्लानिंग में दोनों की भूमिका
आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि सही योजना बनाकर दोनों का संतुलित उपयोग किया जा सकता है।
क्रेडिट कार्ड से अपनी क्रेडिट हिस्ट्री और सिबिल स्कोर सुधार सकते हैं, वहीं पर्सनल लोन बड़े खर्चों के लिए फाइनेंशियल बैकअप बनता है।
हालांकि दोनों का अत्यधिक उपयोग वित्तीय तनाव भी बढ़ा सकता है, इसलिए सावधानी जरूरी है।
निष्कर्ष: क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन दोनों ही अपने-अपने स्थान पर कारगर हैं। जरूरत, चुकाने की क्षमता और वित्तीय स्थिति के आधार पर ही इनका चुनाव करें। जल्दबाजी या आकर्षक ऑफर्स देखकर निर्णय न लें, क्योंकि दोनों विकल्प आपके फाइनेंशियल भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और एजुकेशनल उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी निवेश या कर्ज लेने की सलाह नहीं है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पूर्व विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। कर्ज हमेशा जिम्मेदारी से लें।
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