RBI के नए लोन रीपेमेंट नियम: 30 जून तक क्यों जरूरी है EMI शेड्यूल दोबारा जांचना?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन चुकाने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। नए दिशानिर्देशों के तहत सभी बैंकों और लेंडिंग कंपनियों को अपने कर्जधारकों को 30 जून 2025 तक संशोधित EMI शेड्यूल की जानकारी देनी होगी। यह बदलाव उन ग्राहकों के लिए बेहद जरूरी हो जाता है, जिन्होंने फ्लोटिंग ब्याज दरों पर लोन लिया है।

EMI शेड्यूल दोबारा देखने की क्यों है ज़रूरत?

RBI के अनुसार, कई बार लोन की ब्याज दरें बदलने के बाद बैंक EMI को बढ़ाने के बजाय लोन की अवधि बढ़ा देते हैं। इससे ग्राहक को लगता है कि EMI वही है, लेकिन वह लोन लंबे समय तक चुकाता रहता है और ब्याज भी अधिक देता है। अब बैंक को अनिवार्य रूप से ग्राहक को विकल्प देना होगा कि वह EMI बढ़ाना चाहता है या लोन की अवधि।

30 जून है आखिरी तारीख, क्यों है यह महत्वपूर्ण?

RBI ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे 30 जून 2025 तक अपने ग्राहकों को अपडेटेड EMI शेड्यूल दें और विकल्प दें कि ग्राहक किस प्रकार से अपना लोन रीपे करना चाहता है। यदि ग्राहक कोई विकल्प नहीं देता, तो बैंक अपने हिसाब से निर्णय ले सकते हैं।

बैंक क्या कर रहे हैं इस नियम पर?

SBI, HDFC, ICICI सहित कई प्रमुख बैंक अपने ग्राहकों को मेल, मैसेज और कॉल के जरिए यह जानकारी भेज रहे हैं। कुछ बैंक अपने नेटबैंकिंग पोर्टल पर भी EMI विकल्प देने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। RBI ने यह स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया में किसी प्रकार की पारदर्शिता की कमी पाए जाने पर बैंक पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

निवेशकों और कर्जधारकों को क्या करना चाहिए?

अगर आपने लोन लिया है, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क कर अपना EMI शेड्यूल देखें और यह तय करें कि आप अवधि बढ़ाना चाहते हैं या EMI राशि। सही निर्णय लेने से आप लंबे समय में लाखों रुपए के ब्याज से बच सकते हैं।

निष्कर्ष: RBI का यह कदम ग्राहकों को पारदर्शिता और लोन चुकाने में लचीलापन देने की दिशा में बड़ा प्रयास है। अगर आपने अब तक अपने लोन की EMI शेड्यूल को अपडेट नहीं किया है, तो 30 जून से पहले इसे जरूर चेक करें और जरूरी बदलाव करें।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी फाइनेंशियल निर्णय से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।

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