Loan Prepayment Penalty: समय से पहले लोन चुकाने पर देना पड़ सकता है चार्ज, जानें बैंक को क्या होता है नुकसान

Loan Prepayment: जब आप बैंक से कोई लोन (Personal, Home, Auto) लेते हैं, तो उसे एक निश्चित समय और ब्याज दर के साथ चुकाने की सहमति होती है। लेकिन अगर आप पूरा लोन समय से पहले ही चुका देते हैं, तो इसे Loan Prepayment कहा जाता है। कई बैंक इस स्थिति में प्रीपेमेंट पेनल्टी या चार्ज वसूलते हैं — जो लोन राशि का 2% तक हो सकता है।

बैंक को क्या होता है नुकसान जब ग्राहक समय से पहले लोन चुका देता है?

बैंक लोन पर दिए गए ब्याज से मुनाफा कमाते हैं। जब कोई ग्राहक समय से पहले लोन चुका देता है, तो बैंक को मिलने वाला लंबी अवधि का ब्याज घट जाता है, जिससे बैंक की कमाई प्रभावित होती है। इसके अलावा, बैंक ने जो उस फंड के लिए बैकएंड से व्यवस्था की होती है — उसमें भी संतुलन बिगड़ता है।

RBI के नियम क्या कहते हैं प्रीपेमेंट चार्ज पर?

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने निर्देश दिए हैं कि फ्लोटिंग रेट वाले होम लोन पर प्रीपेमेंट चार्ज नहीं लगाया जा सकता, लेकिन फिक्स्ड रेट लोन, पर्सनल लोन, या कार लोन में बैंक अपनी नीति के अनुसार चार्ज ले सकते हैं। हर बैंक की अपनी अलग शर्तें होती हैं।

किस तरह के लोन में लगते हैं ये चार्ज?

यदि आपने लोन फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर लिया है, या आप किसी एनबीएफसी (NBFC) से लोन ले रहे हैं, तो उसपर प्रीपेमेंट चार्ज लग सकता है। उदाहरण के लिए, पर्सनल लोन में यह चार्ज आमतौर पर 1% से 4% तक होता है। वहीं, कुछ बैंक पहले साल के अंदर प्रीपेमेंट को पूरी तरह मना करते हैं।

ग्राहकों के लिए क्या है समझदारी भरा कदम?

अगर आप लोन जल्दी चुकाने की योजना बना रहे हैं, तो लोन लेने से पहले ही उस बैंक की प्रीपेमेंट पॉलिसी जरूर समझ लें। साथ ही यह भी देखें कि लोन कितने साल में ब्याज का बड़ा हिस्सा चुका देगा, क्योंकि बाद के वर्षों में लोन चुकाने से ज्यादा फायदा नहीं होता।

निष्कर्ष: भले ही लोन को समय से पहले चुकाना आपको ब्याज से राहत दे सकता है, लेकिन प्रीपेमेंट पेनल्टी के कारण वह फायदेमंद साबित नहीं होता। इसलिए किसी भी लोन की EMI खत्म करने से पहले उसके जुड़ी शर्तों, चार्ज और फाइनेंशियल इम्पैक्ट का आकलन ज़रूरी है।

Disclaimer: यह लेख सामान्य वित्तीय जानकारी पर आधारित है। लोन से जुड़े नियम और चार्ज समय-समय पर बदलते रहते हैं। कृपया लोन लेने से पहले संबंधित बैंक या वित्तीय सलाहकार से विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।

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