Tractor Loan vs Farm Equipment Loan: किसानों के लिए कौन-सा लोन है ज्यादा फायदेमंद?

भारत के अधिकांश किसान अब परंपरागत खेती से आगे बढ़कर आधुनिक खेती की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में ट्रैक्टर और अन्य फार्म इक्विपमेंट्स की जरूरत बढ़ गई है। लेकिन इनके लिए भारी लागत की आवश्यकता होती है, जिसे पूरा करने के लिए किसान लोन का सहारा लेते हैं। अब सवाल उठता है — ट्रैक्टर लोन और फार्म इक्विपमेंट लोन में बेहतर विकल्प कौन-सा है?

ट्रैक्टर लोन: ताकतवर मशीन के लिए वित्तीय सहारा

ट्रैक्टर लोन विशेष रूप से ट्रैक्टर की खरीद के लिए दिया जाता है। यह लोन आमतौर पर लंबे कार्यकाल और लचीले EMI विकल्पों के साथ आता है। इसमें किसान अपनी भूमि और पहचान संबंधी दस्तावेज़ दिखाकर आसानी से पात्रता पा सकते हैं। बैंक और NBFCs इस लोन को काफी आकर्षक ब्याज दरों पर देते हैं।

फार्म इक्विपमेंट लोन: आधुनिक खेती के उपकरणों के लिए

यदि किसान को हैरो, कल्टीवेटर, सीड ड्रिल, पंप या स्प्रिंकलर जैसे उपकरण चाहिए तो उसके लिए फार्म इक्विपमेंट लोन उपयुक्त है। यह लोन खेती के उन उपकरणों के लिए होता है जो सीधे ट्रैक्टर नहीं होते लेकिन खेती को आसान बनाते हैं। इसकी राशि अपेक्षाकृत कम हो सकती है लेकिन स्वीकृति जल्दी मिलती है।

दोनों लोन में क्या है अंतर?

जहां ट्रैक्टर लोन एक बड़े निवेश को कवर करता है और लंबे समय के लिए होता है, वहीं फार्म इक्विपमेंट लोन छोटे निवेशों के लिए होता है और अल्पकालिक होता है। ट्रैक्टर लोन में दस्तावेज़ और प्रक्रियाएं थोड़ी अधिक हो सकती हैं जबकि इक्विपमेंट लोन तेजी से स्वीकृत होता है। दोनों ही लोन कृषि कार्य की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होते हैं।

निष्कर्ष: अगर किसान को खेती के लिए सिर्फ एक ट्रैक्टर की जरूरत है, तो ट्रैक्टर लोन बेहतर विकल्प है। लेकिन यदि उसे अलग-अलग उपकरणों की जरूरत है जो ट्रैक्टर के साथ काम करते हैं, तो फार्म इक्विपमेंट लोन अधिक उपयुक्त रहेगा। कभी-कभी दोनों लोन को एक साथ लेना भी समझदारी हो सकती है। सबसे अच्छा लोन वही होता है जो आपकी खेती की जरूरतों के अनुसार सबसे ज्यादा उपयोगी हो।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया किसी भी लोन के लिए आवेदन करने से पहले संबंधित बैंक या संस्था से पूरी जानकारी लें।

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